
राँची : झारखंड में नये DGP की नियुक्ति को लेकर चला आ रहा संशय नये साल के पहले ही दिन खत्म होने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार, मौजूदा प्रभारी DGP तदाशा मिश्रा को सेवा विस्तार देने से जुड़ी कोई फाइल आगे नहीं बढ़ी है। ऐसे में संकेत साफ हैं कि नये साल के पहले दिन झारखंड को नया DGP मिल सकता है। अब तक DGP चयन के लिये IPS अधिकारियों का पैनल UPSC को नहीं भेजा गया है, इसका मतलब साफ है कि सरकार अब फरवरी 2025 में बनाई गई ‘डीजीपी चयन एवं नियुक्ति नियमावली–2024’ के तहत ही नया DGP नियुक्त कर सकती है। DGP की रेस में तीन दिग्गज IPS अफसरों के नाम सबसे आगे है, 1990 बैच के IPS अनिल पालटा, 1992 बैच के IPS प्रशांत सिंह एवं 1992 बैच के IPS मनविंदर सिंह भाटिया। एमएस भाटिया वर्तमान में होमगार्ड एंड फायर सर्विस के DG हैं।
31 दिसंबर को रिटायर होंगी DGP तदाशा मिश्रा
पूर्व DGP अनुराग गुप्ता की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद बीते 6 नवंबर को महिला IPS तदाशा मिश्रा को प्रभारी DGP बनाया गया। उस समय वे गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग में विशेष सचिव थीं। बाद में सरकार ने उन्हें डीजी रैंक में प्रोन्नत किया, लेकिन अब 31 दिसंबर 2025 को वे सेवानिवृत्त हो रही हैं।
यह है नई ‘नियमावली–2024’
झारखंड कैबिनेट ने DGP चयन एवं नियुक्ति नियमावली–2024 को मंजूरी दी है। इसके तहत 6 सदस्यीय नाम निर्देशन समिति बनेगी। इसके अध्यक्ष हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस होंगे। वहीं, मुख्य सचिव, UPSC नामित सदस्य, JPSC अध्यक्ष/नामित सदस्य, एक सेवानिवृत्त DGP, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव सदस्य होंगे। समिति 3 से 5 नामों का पैनल तैयार करेगी, असाधारण स्थिति में 3 से कम नाम भी संभव है। सेवा रिकॉर्ड, प्रशंसा पत्र, पुरस्कार व मेडल, नेतृत्व क्षमता, पुलिस बल को कमांड करने का अनुभव, अनुशासनात्मक कार्यवाही का पूरा ब्योरा, एवं नियुक्त DGP का न्यूनतम कार्यकाल 2 वर्ष मुख्य मापदंड होंगे।
पुरानी प्रक्रिया से क्या बदला?
पहले, राज्य सरकार पैनल UPSC को नाम भेजती थी, UPSC तीन नाम लौटाता था, उन्हीं में से एक को DGP बनाया जाता था।



















